इन 21 बातों की गाॅंठ बाॅंध लीजिए

 इन 21 बातों की गाॅंठ बाॅंध लीजिए                           

(1) बेटियों का विवाह 21 से 25 वें वर्ष तक और बेटों का विवाह 25 से 29 वें वर्ष की आयु तक हर स्थिति में हो जाना चाहिए ।                        


(2) फ्लैट ना लेकर जमीन खरीदें और उस पर अपना घर बनाओ। वरना आपकी संतानों का भविष्य पिंजरे के पंछी की तरह हो जाएगा ।              


(3) नई युवा पीढ़ी को कम से कम तीन संतानों को जन्म देने के लिए प्रेरित करें।                


(4) गाॅंव से नाता जोड़कर रखें और गाॅंव की पैतृक संपत्ति और वहाॅं के लोगों से नाता जोड़कर रखें।                 


(5) अपनी संतानों को अपने धर्म की शिक्षा अवश्य दें और उनके मानसिक और शारीरिक विकास पर अवश्य ध्यान दें।                                     


(6) किसी भी और आतंकवादी प्रवृति के व्यक्ति से सामान लेने- देने, व्यवहार करने से यथासंभव बचें ।                   


(7) घर में बागवानी करने की आदत डालें और यदि पर्याप्त जगह है तो देसी गाय पालें।                


(8) होली, दीपावली, विजयादशमी, नवरात्रि, मकर संक्रांति, जन्माष्टमी, रामनवमी आदि जितने भी त्यौहार आए, उन्हें आफिस कार्यों से छुट्टी लेकर सहपरिवार मनायें।     


(9) प्रातः काल 5:30 बजे उठ जायें और रात्रि 10 बजे तक सोने का नियम बनाऍं। सोने के पहले आधा गिलास पानी अवश्य पियें इससे हार्ट अटैक की संभावना घटती है।        


(10) यदि आपकी कोई एक संतान पढ़ाई में कमजोर है, तो उसको कोई भी हुनर(skill) वाला ज्ञान अवश्य दें ।                  


(11) आपकी प्रत्येक संतान को कम से कम तीन फोन नम्बर स्मरण होने चाहिए और आपको भी ।                    


(12) जब भी परिवार और समाज के बीच जायें तो अपनी संतानों को भी ले जाऍं, इससे उनका मानसिक विकास सशक्त होगा।             


 (13) परिवार के साथ मिल बैठकर भोजन करने का प्रयास करें और भोजन करते समय मोबाइल फोन और टीवी बंद कर लें ।                      


(14) अपनी संतानों को वालीबुड की कचरा फिल्मों से बचाऍं और प्रेरणादायक फिल्में दिखाऍं।                     


(15) सायंकाल के समय कम से कम 10 मिनट भक्ति संगीत सुनें या बजाऍं। दिखावे के चक्कर में पड़कर व्यर्थ का खर्चा ना करें।              


(16) दो किलोमीटर तक जाना हो तो पैदल जाऍं या सायकल का प्रयोग करें ।              


(17) अपनी संतानों के मन में किसी भी प्रकार के नशे आदि के विरुद्ध चेतना उत्पन्न करें तथा उसे विकसित करें ।                     


(18) अपने ऑंगन में तुलसी का पौधा अवश्य लगाऍं व नित्य प्रतिदिन पूजा, दीपदान अवश्य करें ।                                


(19) कन्या की खुशी बराबरी से मनाऍं, दोनों ज़रूरी है। अगर बेटियाॅं नहीं होंगी तो परिवार व समाज को आगे बढ़ाने वाली बहुऍं कहाॅं से आयेगीं और अगर बेटे नहीं होंगे तो परिवार समाज व देश की रक्षा कौन करेगा ।                                    


(20) अपने घर पर एक हथियार अवश्य रखें और उसे चलाने का निरन्तर हवा में अकेले प्रयास करते रहें ताकि विपत्ति के समय प्रयोग कर सकें जैसे लाठी ।